सृष्टि का जन्म hindi kahanya
uttaraakhand mein prachalit pauraanik kathaon ke anusaar, nirankaar prthvee mein sabase pahale maujood tha. sonee aur jamboo garud kee rachana unake mool ke baad hee unake dvaara maanee gaee hai. aaie jaanate hain ki uttaraakhand ke logon mein kis kahaanee ke baare mein prachalit hai.
srshti ke aarambh mein na koee prthvee thee, na koee aakaash aur na hee koee jal tha, lekin keval niraakaar tha. paarvatee jee akelepan se oob gaee aur shiv jee se duniya banaane kee bheekh maangee. nirankaar ne gandagee se cheel paida...
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Thursday, May 7, 2020
कुबेर का अहंकारh hindi kahanya
कुबेर का अहंकारh hindi kahanya
यह एक पौराणिक कथा है। कुबेर तीनों लोकों में सबसे धनी थे। एक दिन उन्होंने सोचा कि हमारे पास इतनी संपत्ति है, लेकिन कम ही लोगों को इसकी जानकारी है। इसलिए उन्होंने अपनी संपत्ति का प्रदर्शन करने के लिए एक भव्य भोज का आयोजन करने की बात सोची। उस में तीनों लोकों के सभी देवताओं को आमंत्रित किया गया।
भगवान शिव उनके इष्ट देवता थे, इसलिए उनका आशीर्वाद लेने वह कैलाश पहुंचे और कहा, प्रभो! आज मैं तीनों लोकों में सबसे धनवान हूं, यह सब आप की कृपा का फल है। अपने निवास पर एक भोज का आयोजन करने जा रहा हूँ, कृपया आप परिवार सहित भोज...
गंगा जन्म की कथा hindi kahanya
गंगा जन्म की कथा hindi kahanya
ऋषि विश्वामित्र ने इस प्रकार कथा सुनाना आरम्भ किया, "पर्वतराज हिमालय की अत्यंत रूपवती, लावण्यमयी एवं सर्वगुण सम्पन्न दो कन्याएँ थीं। सुमेरु पर्वत की पुत्री मैना इन कन्याओं की माता थीं। हिमालय की बड़ी पुत्री का नाम गंगा तथा छोटी पुत्री का नाम उमा था। गंगा अत्यन्त प्रभावशाली और असाधारण दैवी गुणों से सम्पन्न थी।
वह किसी बन्धन को स्वीकार न कर मनमाने मार्गों का अनुसरण करती थी। उसकी इस असाधारण प्रतिभा से प्रभावित होकर देवता लोग विश्व के क्याण की दृष्टि से उसे हिमालय से माँग कर ले गये। पर्वतराज की दूसरी कन्या उमा बड़ी...
कुरु का जन्म hindi kahanya
कुरु का जन्म hindi kahanya
कुरुवंश के प्रथम पुरुष का नाम कुरु था| कुरु बड़े प्रतापी और बड़े तेजस्वी थे| उन्हीं के नाम पर कुरुवंश की शाखाएं निकलीं और विकसित हुईं| एक से एक प्रतापी और तेजस्वी वीर कुरुवंश में पैदा हो चुके हैं| पांडवों और कौरवों ने भी कुरुवंश में ही जन्म धारण किया था|
महाभारत का युद्ध भी कुरुवंशियों में ही हुआ था| किंतु कुरु कौन थे और उनका जन्म किसके द्वारा और कैसे हुआ था - वेदव्यास जी ने इस पर महाभारत में प्रकाश में प्रकाश डाला है| हम यहां संक्षेप में उस कथा को सामने रख रहे हैं| कथा बड़ी रोचक और प्रेरणादायिनी है|
अति प्राचीन...
हनुमान बालपन, शिक्षा,और शाप hindi kahanya
हनुमान बालपन, शिक्षा,और शाप hindi kahanya
हनुमान जी के धर्म पिता वायु थे, इसी कारण उन्हे पवन पुत्र के नाम से भी जाना जाता है। बचपन से ही दिव्य होने के साथ साथ उनके अन्दर असीमित शक्तियों का भण्डार था।
हनुमान का सूर्य खाना hindi kahanya
बालपन में एक बार सूर्य को पका हुआ फ़ल समझकर उसे वो उसे खाने के लिये उड़ कर जाने लगे, उसी समय इन्द्र ने उन्हे रोकने के प्रयास में वज्र से प्रहार कर दिया, वज्र के प्रहार के कारण बालक हनुमान कि ठुड्डी टूट गई और वे मूर्छित होके धरती पर गिर गये।
इस घटना से कुपित होकर पवन देव ने संसार भर मे वायु के प्रभाव...
मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के hindi kahanya
मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के hindi kahanya
हिंदी कहानी में
मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिये कहा और पृथ्वी जब जल में डूब रही थी, तब मत्स्य अवतार में भगवान ने उस ऋषि की नाव की रक्षा की। इसके पश्चात ब्रह्मा ने पुनः जीवन का निर्माण किया।
एक दूसरी मन्यता के अनुसार एक राक्षस ने जब वेदों को चुरा कर सागर की अथाह गहराई में छुपा दिया, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को प्राप्त किया और उन्हें पुनः स्थापित किया।
मत्स्य अवतार...
अग्नि पुराण hindi kahanya
अग्नि पुराण hindi kahanya
अग्नि पुराण अति प्राचीन पुराण है। शास्त्रीय व विषयगत दृष्टि से यह पुराण बहुत ही महत्वपूर्ण पुराण है। अग्नि पुराण में 12 हजार श्लोक, 383 अध्याय उपलब्ध हैं। स्वयं भगवान अग्नि ने महर्षि वशिष्ठ जी को यह पुराण सुनाया था। इसलिये इस पुराण का नाम अग्नि पुराण प्रसिद्ध है। विषयगत एवं लोकोपयोगी अनेकों विद्याओं का समावेश अग्नि पुराण में है।
आग्नेये हि पुराणेस्मिन् सर्वा विद्याः प्रदर्शिताः (अग्नि पुराण) पद्म पुराण में पुराणों को भगवान बिष्णु का मूर्त रूप बताया गया है। उनके विभिन्न अंग ही पुराण कहे गये...
बुद्ध और कल्कि -अवतार hindi kahanya
बुद्ध और कल्कि -अवतार hindi kahanya
आज हिंदी कहानी में हम बात करेंगे
बुद्ध और कल्कि -अवतार के
अग्निदेव कहते हैं :- अब में बुद्ध अवतार का वर्णन करूंगा ,जो पड़ने और सुनाने वाले के मनोरथ को सिद्ध करने वाला है । पूर्वकाल मे देवता और असुरो मे घोर संग्राम हुआ । उसमे देत्यों ने देवताओ को परास्त कर दिया । तब देवता त्राहि-त्राहि पुकारते हुये भगवान की शरण मे गए ।
भगवान माया-मोह रूप मे आकार राजा शुद्धोधन के पुत्र हुये । उन्होने देत्यों को मोहित किया और उनसे वेदिक धर्म का परित्याग करा दिया । वे बुद्ध के अनुयाई देत्य " बोद्ध " कहलाए । फिर उन्होने...
Wednesday, May 6, 2020
राखी भविष्य की पुरान कथा hindi kahahya
राखी भविष्य की पुरान कथा hindi kahahya
आज हमhindi kahaniमें बातकरेंगे भविष्य पुराण की एक कथा के अनुसार एक बार देवता और दैत्यों (दानवों ) में बारह वर्षों तक युद्ध हुआ परन्तु देवता विजयी नहीं हुए। इंद्र हार के भय से दु:खी होकर देवगुरु बृहस्पति के पास विमर्श हेतु गए।
गुरु बृहस्पति के सुझाव पर इंद्र की पत्नी महारानी शची ने श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के दिन विधि-विधान से व्रत करके रक्षासूत्र तैयार किए और स्वास्तिवाचन के साथ ब्राह्मण की उपस्थिति में इंद्राणी ने वह सूत्र इंद्र की दाहिनी...
Tuesday, May 5, 2020
विष्णु का परशुराम अवतार hindi kahanya

विष्णु का परशुराम अवतार hindi kahanya
परशुराम राजा प्रसेनजित की पुत्री रेणुका और भृगुवंशीय जमदग्नि के पुत्र, विष्णु के अवतार और शिव के परम भक्त थे। इन्हें शिव से विशेष परशु प्राप्त हुआ था। इनका नाम तो राम था, किन्तु शंकर द्वारा प्रदत्त अमोघ परशु को सदैव धारण किये रहने के कारण ये परशुराम कहलाते थे।
विष्णु के दस अवतारों में से छठा अवतार, जो वामन एवं रामचन्द्र के मध्य में गिने जाता है। जमदग्नि के पुत्र होने के कारण ये जामदग्न्य भी कहे...
विष्णु के दस अवतार हिंदी कहानी
Ten incarnation of vishnu hindi story hindi kahaniya
The Varaha avatar is the third incarnation of the ten incarnations of Lord Vishnu according to Hindu scripture, who appeared in Bhadrapada on the third day of the Shukla Paksha.
The story of the Varaha avatar
Hiranyaksha and Hiranyakashipu were born as twins from Diti's womb, the earth trembled. Both Hiranyaksha and Hiranyakashipu grew up as soon as they were born. And start to shake the earth with their atrocities. Although both Hiranyaksha and Hiranyakashipu were strong, they were...
जमुना के पार गकुल कृष्णा की हिंदी कहानी hindi kahani
जमुना के पार गकुल कृष्णा की हिंदी कहानी hindi kahani
जब कृष्ण का जन्म हुआ तो जेल के सभी संतरी माया द्वारा गहरी नींद में सो गए। जेल के दरवाजे स्वत: ही खुल गए। उस वक्त भारी बारिश हो रही थी। यमुना में उफान था।
उस बारिश में ही वसुदेव ने नन्हे कृष्ण को एक टोकरी में रखा और उस टोकरी को लेकर वे जेल से बाहर निकल आए। कुछ दूरी पर ही यमुना नदी थी। उन्हें उस पार जाना था लेकिन कैसे?
तभी चमत्कार हुआ। यमुना के जल ने भगवान के चरण छुए और फिर उसका जल दो हिस्सों में बंट गया और इस पार से उस पार रास्ता बन गया।
कहते हैं कि वसुदेव कृष्ण को यमुना...
कृष्णा hindi kahanya
कृष्णा hindi kahanya
भारत की सात प्राचीन और पवित्र नगरियों में से एक है मथुरा। मथुरा में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।
किसी ने कृष्ण के मामा कंस को बताया कि वसुदेव और देवकी की संतान ही उसकी मृत्यु का कारण होगी अत: उसने वसुदेव और देवकी दोनों को जेल में बंद कर दिया। कंस उक्त दोनों की संतान के उत्पन्न होते ही मार डालता था।
भविष्यवाणी के अनुसार विष्णु को देवकी के गर्भ से कृष्ण के रूप में जन्म लेना था, तो उन्होंने अपने 8वें अवतार के रूप में 8वें मनु वैवस्वत के मन्वंतर के 28वें द्वापर में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की रात्रि के 7 मुहूर्त निकल गए और...
शिव और सती का विवाह hindi kahanya
शिव और सती का विवाह hindi kahanya
किया जाता है, सबका दृष्टा वह एक शिव ही हैं|
सामवेद- जो समस्त संसारी जनों को भरमाता है, जिसे योगी जन ढूँढ़ते हैं और जिसकी भांति से सारा संसार प्रकाशित होता है, वे एक त्र्यम्बक शिवजी ही हैं |
अथर्ववेद- जिसकी भक्ति से साक्षात्कार होता है और जो सब या सुख - दुःख अतीत अनादी ब्रम्ह हैं, वे केवल एक शंकर जी ही हैं|
विष्णु ने वेदों के इस कथन को प्रताप बताते हुए नित्य शिवा से रमण करने वाले, दिगंबर पीतवर्ण धूलि धूसरित प्रेम नाथ, कुवेटा धारी, सर्वा वेष्टित, वृपन वाही, निःसंग,शिवजी को पर ब्रम्ह मानने से इनकार...
भगवान शंकर का पूर्ण रूप काल भैरव Hindi kahanya
भगवान शंकर का पूर्ण रूप कालभैरव Hindi kahinyaभगवान शंकर का पूर्ण रूप कालभैरव Hindi kahinyaदक्ष प्रजापति की कई पुत्रियां थी। सभी पुत्रियां गुणवती थीं। फिर भी दक्ष के मन में संतोष नहीं था। वे चाहते थे उनके घर में एक ऐसी पुत्री का जन्म हो, जो सर्व शक्तिसंपन्न हो एवं सर्व विजयिनी हो। जिसके कारण दक्ष एक ऐसी हि पुत्री के लिए तप करने लगे। तप करतेकरते अधिक दिन बीत गए,तो भगवती आद्या ने प्रकट होकर कहा, मैं तुम्हारे तप से प्रसन्न हूं। तुम किस कारण वश तप कर रहे हों? दक्ष नें तप करने का कारण बताय तो मां बोली मैं स्वय पुत्री रूप में तुम्हारे यहां जन्म धारण करूंगी।...